Tuesday, June 7, 2011


तू  मुझे  इतने  प्यार  से  मत  देख...

तेरी  पलकों  के  नर्म  साए  में
धूप  भी  चांदनी  सी  लगती  है  
और  मुझे  कितनी  दूर  जाना  है  
रेत  है  गर्म, पाँव  के  छाले  
यूं  दमकते  हैं  जैसे  अंगारे  
प्यार  की  ये  नज़र  रहे, न  रहे  
कौन  दश्त-ए-वफ़ा  में  जाता  है  
तेरे  दिल  को  खबर  रहे  न  रहे  
तू मुझे  इतने  प्यार  से  मत  देख....! 


---- अली सरदार जाफ़री!!

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